बिस्तर पर ना पाकर, सिहर उठते हैं हम ! कभी सोचा है, आज फुरसत है, उनसे ये इज़हार कर लें ! बिस्तर पर ना पाकर, सिहर उठते हैं हम ! कभी सोचा है, आज फुरसत है, उनसे ये इज़ह...
दिल भरा हो ये हमारा ऐ मेरे प्यारे सजन। दिल भरा हो ये हमारा ऐ मेरे प्यारे सजन।
सोचती हूं, शायद इक कतरा ही बची सोचती हूं, शायद इक कतरा ही बची
संजो कर रखेंगे दोस्ती की यादें पूरी निष्ठा से निभाएंगे दोस्तों से किए वादे। संजो कर रखेंगे दोस्ती की यादें पूरी निष्ठा से निभाएंगे दोस्तों से किए वादे।
अधूरी ममता, मेरा आधा बचपन, अधफ़टे वो कपड़े, वो आधी रोटी। अधूरी ममता, मेरा आधा बचपन, अधफ़टे वो कपड़े, वो आधी रोटी।
मेरे लिए तो जीना भी मरना ही होगा गर मुझे जीना पड़ेगा सनम सिवा तेरे। मेरे लिए तो जीना भी मरना ही होगा गर मुझे जीना पड़ेगा सनम सिवा तेरे।